बुधवार 22 अक्तूबर 2025 - 15:27
क़ुम और मशहद मे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मिर्ज़ा नाईनी का आयोजन / मरहूम नाईनी; एक ऐसे फ़क़ीह थे जो दीन को सियासत से अलग नही समझते थे

हौज़ा / अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "मिर्ज़ा नाईनी" का आरंभ गुरुवार 23 अक्टूबर को क़ुम अल मुक़द्देसा में होगा जबकि समापन 25 अक्टूबर को मशहद में होगा। सम्मेलन में इस्लामी क्रांति के नेता और मराज ए तक़लीद  के संदेश प्रस्तुत किए जाएंगे और एक मरजा ए तकलीद उद्घाटन सभा को संबोधित करेंगे।

हौज़ा न्यज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "मिर्ज़ा नाईनी" का आरंभ गुरुवार 23 अक्टूबर को क़ुम अल मुक़द्देसा में होगा जबकि समापन 25 अक्टूबर को मशहद में होगा। सम्मेलन में इस्लामी क्रांति के नेता और मराज ए तक़लीद  के संदेश प्रस्तुत किए जाएंगे और एक मरजा ए तकलीद उद्घाटन सभा को संबोधित करेंगे।

फ़ोटो देखें: फ़ोटो / अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "मिर्ज़ा ए नाईनी" के संबंध में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस

सम्मेलन आयोजन समिति के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अहमद फ़र्रुख फ़ाल ने हौज़ा ए इल्मिया के मीडिया और साइबर स्पेस केंद्र में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मिर्ज़ा नाईनी ऐसे फकीह और मुजाहिद आलिम थे जिन्होंने धर्म और राजनीति को अलग नहीं समझा। वे इस्लामी उम्मत की इज्जत और आज़ादी के प्रतीक और उपनिवेशवाद के खिलाफ दृढता की निशानी थे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ इराक में आंदोलन खड़ा किया जिसके कारण उन्हें अन्य आलिमों के साथ ईरान जाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन उनके इराक से ईरान प्रवास के सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया जा रहा है ताकि उनके वैज्ञानिक और ऐतिहासिक योगदान को उजागर किया जा सके और इस्लामी उम्मत को मौजूदा संकटों का सामना करने के लिए तार्किक मार्गदर्शन मिल सके। मरहूम नाईनी के अनुसार शासन केवल अल्लाह तआला और उन प्रतिनिधियों का है जो आस्था, तक़वा और इला्म में श्रेष्ठ हों। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध रचना तंबीह उल उम्मा व तंज़ीह उल मिल्लत में स्पष्ट किया कि सरकार को शरीयत के मूल सिद्धांतों का पालन करना चाहिए ताकि जनता तानाशाही से सुरक्षित रहे।

हुज्जतुल इस्लाम फ़र्रुख फ़ाल ने बताया कि आयतुल्लाह उस्तादी की अध्यक्षता में पाँच वैज्ञानिक समितियाँ गठित की गई हैं, जिनमें फ़िक्ह, उसूल, सीरत, हदीस, क़ुरआन और सियासी दृष्टिकोण पर शोधकार्य हो रहा है। अब तक ईरान और नजफ से दो सौ वैज्ञानिक लेख प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सत्तर प्रमुख आलेख पाँच खंडों में प्रकाशित किए गए हैं।

सम्मेलन के अवसर पर मरहूम नाईनी के चालीस वैज्ञानिक और फकीही ग्रंथ तथा एक जीवनी सहित कुल 41 खंडों का संग्रह भी प्रकाशित होगा।

उनके अनुसार यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन न केवल ईरान, बल्कि नजफ और करबला में भी आयोजित होगा। नजफ में यह सभा 28 अक्टूबर को और समाप्ति 30 अक्टूबर को करबला में होगी।

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान वैश्विक हालात में जब उपनिवेशवाद और जायोनी शक्तिया इस्लामी उम्मत के खिलाफ सीधे मोर्चे पर हैं, ऐसी हस्तियों की याद करना उम्मत के इत्तेहाद और बेदारी का जरिया है।

हौज़ा ए इल्मिया के मीडिया और साइबर स्पेस सेंटर के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम रज़ा रुस्तमी ने भी कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य मिर्ज़ा नाईनी के वैज्ञानिक और राजनीतिक विचारों का पुनः नए तरीके से अध्ययन करना और उनकी सोच को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है ताकि इस्लामी उम्मत उनके विचारों से एकता, बसीरत और विरोध का संदेश प्राप्त कर सके।

क़ुम और मशहद मे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन मिर्ज़ा नाईनी का आयोजन / मरहूम नाईनी; एक ऐसे फ़क़ीह थे जो दीन को सियासत से अलग नही समझते थे

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